हरियाणा। फरीदाबाद के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डा. पंकज सिंह की अदालत ने 200 करोड़ घोटाले मामले में मुख्य अभियंता डीआर भास्कर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है । आरोपी का ओर से अग्रिम जमानत के लिए याचिका लगाई गई थाी।
Rewari:बेटियों के दाखिले के लिए अभिभावकों ने किया सत्याग्रह शुरू-Best24Newsदरअसल, यह घोटाला मई 2020 में उजागर हुआ था। फरीदाबाद नगर निगम के चार पार्षदों ने तत्कालीन निगम आयुक्त को शिकायत दी थी कि निगम के लेखा विभाग ने ठेकेदार सतबीर की विभिन्न फर्मों को बिना काम किए भुगतान कर दिया है।
निगम आयुक्त ने अपने स्तर पर मामले की जांच कराई। ठेकेदार को भुगतान में अनियमितताएं पाए जाने पर उन्होंने विजिलेंस से जांच की सिफारिश की। साल 2020 से विजिलेंस इस मामले की जांच कर रही थी। इसके बाद विजिलेंस ने ठेकेदार सतबीर, कार्यकारी अभियंता प्रेमराज, कनिष्ठ अभियंता शेर सिंह, लिपिक पंकज कुमार, प्रदीप, लेखा शाखा लिपिक तस्लीम के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया।
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डीआर भास्कर है मुख्य आरोपी: विजिलेंस ने अदालत को बताया कि इस मामले में मुख्य अभियंता डीआर भास्कर मुख्य आरोपित है। अगर उसको जमानत मिली तो मामले की जांच प्रभावित हो सकती है। अदालत ने विजिलेंस का पक्ष मजबूत माना और अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया। अब डीआर भास्कर अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट में लगा सकता है ।
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जांच में हुआ खुलासा: विजिलेंस ने ठेकेदार सतबीर की चार फर्मों के बैंक खातों की जांच की। उसके खातों में नगर निगम की तरफ से 190 करोड़ रुपये का भुगतान मिला। विजिलेंस जांच कर रही है कि इसमें कितने रुपये का काम ठेकेदार द्वारा किया गया और कितना रुपया उसे बिना काम किए मिला।
विजिलेंस अधिकारियों का कहना है कि अभी इस मामले में शुरुआत हुई है। इसमें अभी और मुकदमे दर्ज होंगे और गिरफ्तारी होंगी। घोटाले में संलिप्त अन्य अधिकारियों के नाम भी जांच में शामिल किए जाएंगे।